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Vicharkranti Books युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के विश्वव्यापी ’विचारक्रान्ती अभीयान’ के लिए कार्य करने वाले परिजनों का  समूह है जो गायत्री तीर्थ, शांतिकुंज, हरिद्वार के मार्गदर्शन मे सन २०१२ से कार्य कर रहा है ।


पूज्य गुरुदेव कहते थे, " मैं व्यक्ति नहीं विचार हूं।" , "मेरे ये विचार क्रांति के बीज हैं, थोड़े से भी ये जहाँ पहुंचेंगे, धमाका करेंगे । इनमे युग बदलने की ताकत है ।" "आज समस्त सुविधाएं होने पर भी यदि विचार पद्धति सही नहीं हो तो व्यक्ति केवल दुःख पाता रहेगा और संबंधित लोगों को दुःख देता रहेगा। हमारी शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय विपन्नताओं का कारण और कुछ नहीं केवल लोकमानस की अशुद्ध दिशा ही है । यदि मानव का वर्तमान चिंतन क्रम न बदला जा सका तो इस जगती का सर्वनाश होकर रहेगा । संसार में सुख-शांति स्थापना के समस्त प्रयास तब तक निरर्थक निष्फल ही सिद्ध होते रहेंगे जब तक कि जनमानस की वर्तमान दिशा को उलटी से सीधी न किया जाएगा। विश्वशांति का उसके अतिरिक्त और कोई मार्ग नहीं।" पूज्य गुरुदेव की दृष्टि मैं एक सर्वतोमुखी विचार क्रांति ही इस युग की सबसे प्रमुख आवश्यकता है। नारकीय वर्तमान परिस्थितियों को भावी सतयुग के रूप में बदल देने का उपाय केवल यही एक है।


गुरुदेव के विचारों को विश्व के हर व्यक्ति तक पहुँचाने का इंटरनेट एक सशक्त माध्यम के रूप में उभरा है । इसी को ध्यान में रखते हुए "विचारक्रांति पुस्तकालय, डिंडोलीगाम, सूरत - गुजरात" द्वारा विचार क्रांति टीम के माध्यम से सन 2012 से ही मिशन के साहित्य को डिजिटाइज  करके उसे विश्व के 500 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट उपयोग कर रहे लोगों तक पहुंचाने के लिए  www.vicharkrantibooks.org वेबसाइट की माध्यम से कार्य कर रहें है । इसी क्रम मे अब Vicharkranti Books के नाम से Android/IOS मोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत हो रही है । जिसके माध्यम से भी साहित्य को अपने  Electronic Device पे पढ़ा जा सकता है और घर पे ऑर्डर करके मंगवाया भी जा सकता है ।


विचारक्रान्ती अभियान के लिए कार्य करनेवाले विश्व के समस्त परिजनों को इसे समाज के प्रबुद्ध वर्ग, जन सामान्य एवं स्कूल, कॉलेज, पुस्तकालय, सरकारी एवं प्राइवेट संस्थानों में गुरुदेव के श्रवण कुमार बनाकर पहुंचाने का जी जान से प्रयास करना चाहिए। इससे कम में विचारक्रांत - युग परिवर्तन संभव नहीं ।